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बिहार राज्य दलपति एवं ग्राम रक्षा दल महासंघ

बिहार राज्य दलपति एवं ग्राम रक्षा दल महासंघ की स्थापना सन 2012 में किया गया है।सामान्य पहरा तथा निगरानी एवं आकस्मिक घटनाओं यथा अगलगी, बाढ़, बाँध में दरार, पुल का टूटना, महामारी का फैलना तथा चोरी या डकैती आदि का सामना करने,सरकार द्वारा समय-समय पर सौपे गए कार्यो को सम्पादित करने तथा सर्वजनिक शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए विहित रीति से नियुक्त एक दलपति के अधीन प्रत्येक ग्राम पंचायत के अंतर्गत एक ग्राम रक्ष दल गठित किया जा सकेगा और ग्राम के 18 से 30 वर्ष के बीच के शारीरिक रूप से सभी योग्य व्यक्ति वक्त दल के सदस्य होंगे |ग्राम रक्षा दल का गठन, कर्तव्य एवं उपयोग के लिए सरकार नियम बनाएगी |

बिहार पंचायत राज्य अधिनियम तथा उसके अंतर्गत बने नियमों में ग्राम रक्षा दल के ऊपर जिन कर्तव्यों के संपादन का उत्तरदायित्व दिया गया है,उनके आधार पर दल के व्यापक उदेश्यों को उनके आधार पर दल के व्यापक उदेश्यों को नीचे दिये गये रूप में प्रतिपादित किया जा सकता है :-

उद्देश्य

बिहार के सभी ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान करना

ग्रामीण जन-समुदायें में स्थानिये स्व-शासन की स्थापना और विकास करने और उनके सामाजिक तथा आर्थिक जीवन को संघटित और समुन्नत करने संबंधी कार्य में सहायता प्रदान करना |

सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सामाजिक प्रतिरक्षा कायम रखना |राष्ट्रीय चरित्र तथा स्वास्थ्य का निर्माण करना |युवकों में राष्ट्रीयता की भावना विकसित करना|

सार्वजनिक शांति एवं श्रक्षोभ बनाये रखने |

अगलगी, महामारी, बांधो का टूटना आदि आपति घटनाओं का सामना करना | लोगों में नागरिक उत्तरदायित्व तथा व्यापक भाईचारे की भावना को विकसित करना |लोगों में "समप्टि के लिए व्यप्टि तथा व्यप्टि के लिए समप्टि "की भावना की अभिवृद्धि करना |ग्रामीण के नीरस जीवन में सरसता का संचार करना |

चोरी-डकैती जैसे बाह्य खतरों से गावों की रक्षा करना |

पंचायत के निवासियो में आत्मनिर्भरता और अनुशासन की प्रवृति को जागृत करना |ग्रामीण युवकों को संगठित कर उनकी शक्ति का रचनात्मक कार्यो में उपयोग करना |युवकों में कर्तव्य-निष्ठा, सत्यनिष्ठा, आत्मविश्वास, ईमानदारी, बुद्धिमता आदि नैतिक गुणों का विकास करना |

बिहार राज्य दलपति एवं ग्राम रक्षा दल महासंघ

हमारा विशेष कार्य और दृष्टिकोण

ग्राम-रक्षा-दल प्रतिरक्षा की एक दूसरी पंक्ति है | इसकी यथायन्ता की पुष्टि इन बातों से होती है :-
1.अनिवार्य सैनिक शिक्षा और
2.पंचायत के बहरी शत्रुओं का प्रतिरोध |
अनिवार्य सैनिक शिक्षा-प्रतिरक्षा संबंधी कार्य सैनिकों द्वारा संपन्न होते है | सैनिकों को उक्त कार्यों के संपादन में निपुणता लाने के निमित उन्हें तत्संबधी विशेष शिक्षा दी जाती है, जो सैनिक-शिक्षा कहलाती है |सैनिक शिक्षा में कवायद तथा आवश्यक अस्त्र-शस्त्रों की शिक्षा का विशेष स्थान होता है |
ग्राम-रक्षा-दल में भी सैनिक शिक्षा को खास स्थान दिया गया है | दल के सदस्यों को अन्य सैनिक संस्थाओ की भाति ही कवायद आदि इसलिए सिखाया जाता है कि उनका शरीर सुदृढ़, सुडौल एवं स्फूर्तिमय बना रहे तथा ग्राम-रक्षा-दल के दलपति अपने शिविर में सामूहिक लोकनृत्य का प्रदर्शन कर रहे है |
बिहार राज्य दलपति एवं ग्राम रक्षा दल महासंघ की स्थापना सन 2012 में किया गया है।सामान्य पहरा तथा निगरानी एवं आकस्मिक घटनाओं यथा अगलगी, बाढ़, बाँध में दरार, पुल का टूटना, महामारी का फैलना तथा चोरी या डकैती आदि का सामना करने,सरकार द्वारा समय-समय पर सौपे गए कार्यो को सम्पादित करने तथा सर्वजनिक शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए |
बिहार के सभी ssग्राम पंचायत के भीतर लोक विधि एवं वयवस्था बनाये रखने में |समाज के सभी वर्गो को जागृत करने और आत्म विश्वाश की भवना उत्पन करने |प्रक्षित युवाओं को जल्द से जल्द नौकरी मिलने की संभवना |सरकार की ओर से समय -समय पर सौंपे गए कार्यो को संपादित करने के लिए ताकि सरकार को कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा लाभ और सफलता प्राप्त हो |
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9+

सेवा

4

सदस्य

38+

जिला

170

प्रक्षित युवा